आखिरी सच एपिसोड 4 दर्शकों के लिए कुछ ख़ास लेकर नहीं आया है। स्क्रिप्ट में कुछ घिसे पिटे दृश्य डाले गए हैं। जांच अधिकारी की व्यक्तिगत जिंदगी की परेशानियाँ जिनका केस और कहानी से दूर दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं है। तमन्ना की व्यक्तिगत जिंदगी से दर्शक कोई जुड़ाव महसूस नहीं करता है। उसके बाद केस को सॉल्व करने का दवाब और वही पुराना डायलॉग – ओके तो मैं इस केस से हट ही जाता हूँ। लेकिन सीन में फिर से वही अधिकारी जांच करते हुए दिखाया जाता है।
कहानी आगे बिलकुल भी नहीं बढ़ती है। कॉमन सेन्स का ध्यान बिलकुल भी नहीं रखा गया है। एक हाई प्रोफाइल केस के क्राइम सीन पर कोई आम इंसान आसानी से कैसे घुस जाता है। कुल मिलाकर देखें तो यदि एपिसोड 4 को इस सीरीज से हटा दिया जाए तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा। अगले एपिसोड में जो रीकेप दिखाया जायेगा उससे ही काम बन जायेगा।
आखिरी सच एपिसोड 4 की कहानी :
जैसे कि एपिसोड 3 के अंत में चमत्कारी बाबा जांच टीम की पकड़ में आ जाता है और उससे पूछताछ जारी है।
बाबा से पूछताछ में पता चलता है कि भुवन उनसे जब मिलने आया तब रजावत परिवार में कई परेशानियाँ थी जैसे बच्चों का अच्छे स्कूल में एडमिशन न होना। बिजनेस स्लो होना। अंशिका की जॉब न लगना। महिपाल गैंग द्वारा पैसों की उगाही की धमकियाँ।इस पर बाबाजी ने उसे कुछ उपाय बताये थे जिससे उनकी परेशानियां दूर हो सकें। उसके बाद बाबाजी रजावत परिवार से अंशिका की सगाई में मिले थे। सगाई के दौरान भुवन ने उन्हें बताया था कि परिवार की सारी परेशानिया दूर हो चुकी हैं। बाबा ने यह भी बताया कि उनको मरने के लिए उकसाने वाला कोई तरीका उसने रजावत परिवार को कभी नहीं बताया।
भुवन बाबा के पास क्यों जाता है ?
भुवन जब भी अपने पिता की आवाज में बात करता है तब उसके हाव भाव भी अपने पिता की तरह ही होते हैं। पूरे परिवार को लगता है कि भुवन के शरीर में उसके पिता की आत्मा का प्रवेश होता है और वो भुवन के माध्यम से अपने सन्देश पूरे परिवार को देते हैं। इस वजह से जब भी भुवन अपने पिता की आवाज में बात करता है या यूँ कहें की जब भी भुवन में उसके पिता की आत्मा आती है तब सारा परिवार एक कमरे में उसके पास बैठ जाता है।
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भुवन बोलता जाता है और परिवार का कोई अन्य सदस्य उसको एक डायरी में लिखता जाता है। भुवन के कहने पर ही पूरा परिवार अपना भोजीपुरा का मकान छोड़कर किशन नगर में एक बड़ा मकान किराए पर लेते हैं और वहां शिफ्ट हो जाते हैं। यहीं पर आदेश डेयरी का नया बिजनेस शुरू करता है और इसके लिए वो महिपाल गैंग से बीस लाख रुपये उधार लेता है।
फिर एक दिन ऐसा आता है जब भुवन के अंदर उसके पिता की आत्मा का आना बंद हो जाता है। पहले उसके पिता सपने में भी दिखाई देते थे लेकिन अब वो सपना भी नहीं आता है। भुवन सपने में अपने पिता को ढूंढ़ता रहता है लेकिन वो दिखाई नहीं देते। भुवन को लगता है कि अगर उसके पिताजी उसकी जिंदगी में वापिस आ जाएं तो उसकी सारी समस्याएं दूर हो जाएँगी। उसके पिता इन समस्याओं का समाधान अवश्य करेंगे।
इसी परेशानी के चलते भुवन पहुँच जाता है चमत्कारी बाबा दरबार में और अपनी सारी कहानी बताता है। चमत्कारी बाबा भुवन के पिताजी के बारे में तो कुछ नहीं बता पाते लेकिन उसके मन को शांत रखने के लिए कुछ उपाय और मन्त्र अवश्य बताते हैं।
और भुवन के पिता वापिस आ जाते हैं !
एक दिन एक नाटकीय घटनाक्रम में भुवन के सपने में फिर से उसके पिताजी आ जाते हैं। भुवन का जवाहर की आवाज में बात करना , पूजा पाठ , डायरी, ये सारा कार्यक्रम फिर से शुरू हो जाता है। धीरे धीरे परिवार की समस्याएं भी दूर होने लगती हैं। अंशिका का जॉब लग जाता है। आदेश का बिजनेस अच्छा चलने लगता है। महिपाल गैंग का कर्जा चुका दिया जाता है। अपने ही मोहल्ले में भुवन एक हार्डवेयर की दुकान खोल लेता है।
परिवार की खुशियां फिर से लौट आती हैं। इन सारे अच्छे बदलावों के लिए भुवन अपने पिता का जिंदगी में वापिस आना मानता है। परिवार के अन्य सभी सदस्य भी भुवन पर विश्वास करते हैं और उसकी सारी बातें मानते हैं।
सीसीटीवी रिकॉर्डिंग से मिला अहम सबूत
पहले एपिसोड के अंत में दिखाया गया है कि वारदात वाली रात को कोई बाइक सवार रजावत परिवार के घर आया था। लेकिन पॉवर कट हो जाने की वजह से आगे का दृश्य पता नहीं चल पाया था। उस सीसीटीवी रिकॉर्डिंग की जांच करने पर पता चलता है कि उस रात रजावत परिवार के घर में कोई और नहीं बल्कि अमन ही आया था। सीसीटीवी में दिख रहे बाइक के नंबर से यह पता चलता है। अब क्राइम ब्रांच की सुई पूरी तरह से अमन की तरफ झुक जाती है।
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अमन की जांच बेहतर चल रही है
इधर अमन हार नहीं मानता है और केस की तह में जाने की कोशिश में लगा रहता है। इसी क्रम में वो किशोर से मिलता है और उससे दोस्ती करके रजावत परिवार के बारे में कुछ जानकारी निकलवाता है। किशोर बताता है कि भुवन के अंदर जवाहर की आत्मा आती थी।
भुवन बैठकर जवाहर की आवाज में बात करता था और परिवार के सारे सदस्य उसको ध्यान से सुनते थे। कोई एक सदस्य एक डायरी और पेन लेकर उसकी सारी बातों को लिखता जाता था। ये पता चलने के बाद अमन उन डायरियों की खोज में लग जाता है। डायरियां खोजने के लिए अमन वापिस क्राइम सीन पर जाता है।और क्राइम ब्रांच की टीम उसे वहां पर गिरफ्तार कर लेती है।
तमन्ना की ट्यूब लाइट में अब करेंट आता है
तमन्ना के पास दो डायरियां पहले से हैं जो क्राइम सीन से बरामद हुई थीं। पुलिस के अनुसार इनको जवाहर ने लिखा था। एक डायरी में एक जगह लिखा हुआ था कि सारा परिवार घर के आंगन में एक पेड़ के चारों तरफ बैठकर एक साथ पूजा करे। तमन्ना इसकी सत्यता की जांच के लिए रजावत परिवार के भोजीपुरा स्थित मकान में जाती है ,लेकिन वहां पर आँगन में कोई पेड़ नहीं होता है। इससे तमन्ना को आभास होता है कि ये डायरियां जवाहर के मरने के बाद किशनपुरा शिफ्ट होने के बाद लिखीं गयीं हैं क्यूंकि किशनपुरा के मकान में घर के आँगन में एक पेड़ है।
अमन से पूछताछ
क्राइम ब्रांच द्वारा पूछताछ करने पर पता चलता है कि परिवार की सामूहिक आत्महत्या का पता सबसे पहले अमन को चला था। उस रात को अमन जब अंशिका से मिलने के उद्देश्य से रजावत परिवार के घर पहुँचता है तो देखता है कि सारे लोग घर के आंगन में पेड़ से फांसी लगाकर लटक चुके थे।अमन किशोर द्वारा बतायी गयी सारी बातें पुलिस को बता देता है। अमन के बयान से मिली जानकारी और तमन्ना की जांच से मिले तथ्य मेल खाते हैं।
डायरियों का रहस्य
जांच टीम के पास सिर्फ दो ही डायरियाँ हैं , तो फिर बाकी की डायरियां कहाँ हैं ? इन डायरियों को खोजने के लिए जांच टीम फिर से क्राइम सीन पर जाती है। घर के छत पर बने कुत्ते के घर में एक कालीन के नीचे से नीचे सारी डायरियां मिल जातीं हैं।
क्यों फ्लॉप है आखिरी सच एपिसोड 4
आखिरी सच एपिसोड 4 में बहुत सारी ऐसी बातें और दृश्य हैं जो दिमाग का दही कर देते हैं। इनको देखकर लगता है कि वेब सीरीज के नाम पर क्या कोई ऐसा कचरा भी परोसा जा सकता है।
- अमन : सीसीटीवी जांच से पता चल जाता है कि घटना वाली रात को अमन रजावत परिवार के घर जाता है , और सुबह भी घटना स्थल पर पाया जाता है। अमन अपने बयान में झूठ बोलता है। अमन का व्यवहार स्थिर नहीं है , वह नशेड़ी और ड्रग अडिक्ट है। अमन को क्राइम सीन पर छुपकर घुसने पर रंगे हाथों गिरफ्तार किया जाता है। लेकिन क्राइम ब्रांच उसके बयान पर इस तरीके से विश्वास कर लेती है जैसे वो सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र हो ,जबकि सारी घटनाओं पर वो प्रमुख संदिग्ध था।
- चमत्कारी बाबा : चमत्कारी बाबा के पीछे पूरी जांच टीम 1 हफ्ते तक लगी रही। दिल्ली , कानपूर , छतरपुर में छापे मारे गए। पूरे देश की मीडिया की प्रमुख सनसनी खबर बाबाजी से जुड़ी रही। लेकिन उससे जांच में कोई सख्ती नहीं बरती गयी। उसके बयान को भी 100 % सच मानकर ऑन द स्पॉट बरी कर दिया गया।
- क्राइम ब्रांच का पूछताछ का तरीका : इस सीरीज में क्राइम ब्रांच का मजाक बना दिया गया है। टीम किसी से भी पूछताछ करते समय ना तो रिकॉर्डिंग का यूज करती है और ही कोई उन बयानों को रिकॉर्ड करता है। गली मोहल्ले के चौपालों जैसी पूछताछ होते दिखाई गयी है। सीरीज का निर्देशन बिलकुल भी सही तरीके से नहीं हुआ है।
- क्राइम सीन की जांच : पुलिस और क्राइम ब्रांच कई बार घटनास्थल की जांच करते हैं लेकिन हर बार कुछ न कुछ नया जरूर मिलता है। भुवन की डायरियां क्राइम ब्राँच की चौथी विजिट में बरामद होती हैं। अगर क्राइम ब्रांच इस तरीके से जांच करती है तो इससे कई गुना बेहतर तो टटपुँजियागंज का टपोरी जग्गा जासूस है।
- किशोर से मिला क्लू : एक नशेड़ी और ड्रग अडिक्ट अमन , सामूहिक आत्महत्या के महत्वपूर्ण क्लू को पुलिस और क्राइम ब्रांच से पहले पता लगा लेता है।
आखिरी सच एपिसोड 4 से सम्बंधित अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
आखिरी सच एपिसोड 4 कब रिलीज हुआ है?
आखिरी सच एपिसोड 4, 8 सितम्बर 2023 को रिलीज हुआ है।
आखिरी सच एपिसोड 4 में नया क्या है ?
आखिरी सच एपिसोड 4 में जांच टीम को डायरियों के बारे में पता चलता है।
आखिरी सच एपिसोड 4 में मिली डायरियों में क्या लिखा है ?
आखिरी सच एपिसोड 4 में मिली डायरियों में जवाहर द्वारा परिवार को दिए गए दिशा निर्देश लिखे हैं।
आखिरी सच एपिसोड 4 में कुल कितनी डायरियाँ बरामद हुयी हैं ?
आखिरी सच एपिसोड 4 में कुल 11 डायरियाँ बरामद हुयी हैं।
आखिरी सच एपिसोड 4 रोमांचक है ?
आखिरी सच एपिसोड 4 में कुछ खास नहीं है।
आखिरी सच एपिसोड 4 की लम्बाई कितनी है?
आखिरी सच एपिसोड 4 की लम्बाई 38 मिनिट है।
आखिरी सच एपिसोड 4 में क्या कोई फाइट सीन है ?
आखिरी सच एपिसोड 4 में कोई फाइट सीन नहीं है।
आखिरी सच एपिसोड 4 में क्या भूतों के बारे में बताया गया है ?
आखिरी सच एपिसोड 4 में भूतों के बारे में नहीं बताया गया है लेकिन जवाहर की आत्मा का जिक्र अवश्य है।