किस हद तक खतरनाक साबित हो सकती है सुपर एप ? जानिये इसके फायदे और उपयोग सहित अन्य सभी महत्वपूर्ण जानकारी ( Super App-10 Important Facts)

सुपर एप

सुपर एप जैसे कि इसके नाम से ही जाहिर होता है कि यह एक सामान्य एप ना होकर बहुद्देशीय एप्लिकेशन है। सुपर एप का परिचय , इसके उपयोग , इसके फायदे और नुकसान क्या-क्या हैं। यह हमारी जिंदगी को किस तरीके से आसान बनाएगा और इसको उपयोग करने का क्या तरीका है? मार्केट में इस समय कौन-कौन से सुपर एप उपलब्ध हैं? इनको किस तरीके से उपयोग करना है और इनके उपयोग में क्या क्या सावधानी रखने की जरुरत है ? इन सब बातों को हम इस लेख के द्वारा जानने का प्रयास करेंगे।

Table of Contents

सुपर एप क्या है ? ( What is Super app )

आज के समय में डिजिटल क्रांति कोई नई बात नहीं रह गई है। इंटरनेट और डिजिटल की दुनिया ने पूरे बाजार पर कब्ज़ा किया हुआ है। अगर गौर से देखें तो हर एक चीज से सम्बंधित एप इंटरनेट पर मौजूद है। एक आम इंसान के दिनभर के 50% से ज्यादा काम मोबाईल एप्लीकेशन के द्वारा संचालित होता है। डिजिटाइजेशन को भारत देश ने जितनी तेजी से और व्यापकता के साथ आत्मसात किया है , उतना दुनिया के किसी अन्य देश में नहीं हुआ है।

बाजार हमेशा बदलाओं की वजह से चलता है, क्यूंकि आमतौर पर लोग एक जैसी चीजों से जल्दी बोर हो जाते हैं। मोबाईल एप की दुनिया में भी ये तथ्य एकदम सच है। बाजार में एक ही तरह की कई एप आ जाने की वजह से कॉम्पिटिशन काफी बढ़ चुका है। इस कॉम्पिटिशन को जीतने के लिए बाजार के बड़े-बड़े प्लेयर अब एक नई चीज लेकर आ रहे हैं , जिसका नाम है सुपर एप।

अगर आसान शब्दों में कहें तो सुपर एप एक मल्टीपर्पज आल इन वन एप्लिकेशन है जो यूजर्स की रोजमर्रा की जिंदगी को आसान बनाने में मदद करता है। इसको उपयोग करने के बाद यूजर्स को अलग अलग कार्यों के लिए अलग अलग एप रखने की जरुरत नहीं होगी। सिर्फ एक सुपर एप से ही सारी जरूरतें पूरी हो सकती हैं।

सुपर एप और सामान्य एप में क्या अंतर है ? ( Normal app v/s Super app)

एक सामान्य मोबाईल एप्लिकेशन एक या ज्यादा से ज्यादा दो उद्देश्यों की पूर्ती करती है। उदाहरण के लिए व्हाट्सप्प का उपयोग सन्देश भेजने और आपसी वार्तालाप के लिए है। बाद में इसमें कॉलिंग फीचर और फिर एक लिमिट तक मनी ट्रांसफर की सुविधा भी चालू हो गयी है।

फेसबुक का उपयोग सोशल मीडिआ प्लेटफॉर्म के रूप में होता है। गूगल पे , फोन पे का उपयोग मनी ट्रांसफर और बिल पेमेंट के लिए होता है। ट्रांसपोर्ट के लिए अलग एप्लिकेशन हैं। शॉपिंग और इ कॉमर्स के लिए अलग एप हैं। टेक्सी बुकिंग के लिए ओला , उबर जैसी एप हैं। ये सभी सामान्य एप हैं।

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एक सुपर एप मल्टीपर्पज होती है। इसके माध्यम से हम अपने दैनिक जीवन के सारे कार्य कर सकते हैं। टैक्सी बुकिंग, मूवी टिकिट बुकिंग , खाने का आर्डर , फ्लाइट बुकिंग , सोशल मीडिआ , मनोरंजन के लिए OTT प्लेटफॉर्म , बिल पेमेंट , मनी ट्रांसफर इत्यादि। समाचार पत्र पढ़ने और न्यूज़ चैनल देखने के अलावा फोन कॉल्स और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का अनुभव भी एक सुपर एप प्रदान करता है।

सुपर एप के क्या-क्या उपयोग हैं ?

एक सुपर एप कई उपयोग हैं जिनसे हमारे दैनिक जीवन की जरूरतें पूरी हो सकें। आइये एक एक करके देखते हैं।

ऑटोमेटिक इंटेलिजेंस बेस्ड कार्य

एक सुपर एप का उपयोग एक AI टूल के साथ हो सकता है। सुबह सुबह आपको नींद से जगाना हो , घर के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे टीवी , ए सी को कंट्रोल करना। पसंद का म्यूजिक प्ले करना, न्यूज़ सुनाना आदि कार्य इसके द्वारा संचालित किये जा सकते हैं।

ई कॉमर्स

अभी हम शॉपिंग के लिए अलग-अलग एप का उपयोग करते हैं। रोज के उपयोग के सामान के लिए बिग बॉस्केट ,ग्रोसरी के लिए कोई अन्य एप , शॉपिंग के लिए फ्लिपकार्ट अमेज़न , दूध के लिए अलग और पिज़्ज़ा डिलीवरी और खाने के सामान के लिए अलग अलग एप्लिकेशन। एक सुपर एप इन सारे कार्यों के लिए अकेले ही काफी है।

ट्रैवेलिंग / ट्रांसपोर्ट

ट्रेवलिंग / ट्रांसपोर्ट के लिए यूनिफाइड एप अभी उपलब्ध नहीं है। आप ओला या उबर एप से फ्लाइट बुक नहीं कर सकते। आप मेक माय ट्रिप से बाइक की राइड बुक नहीं कर सकते। इसी तरह बस और टेक्सी की बुकिंग के लिए अलग अलग एप हैं। एक सुपर एप के द्वारा ये सारे काम किये जा सकते हैं।

फाइनेंसियल कार्य

सुपर एप फाइनेंस से सम्बंधित सभी सुविधाएं प्रदान करता है। वित्तीय लेनदेन , बिल पेमेंट ,इन्वेस्टमेंट , सेविंग और ट्रेडिंग से सम्बंधित सारे कार्यों के लिए आसान इंटरफेस ये एक ही स्थान पर उपलब्ध करवाता है।

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न्यूज़ और सोशल मीडिया

सुपर एप यूज करने के बाद दुनिया के हाल-चाल जानने के लिए किसी अलग एप की जरुरत ही नहीं हैं। सोशल मीडिया की के द्वारा दोस्तों और रिश्तेदारों से जुड़ने की सुविधा भी सुपर एप उपलब्ध करवाता है।

सुपर एप के फायदे

सुपर एप अपने यूजर्स को कई सुविधाएं उपलब्ध करवाता है। इसका उपयोग करने वालों के लिए कई फायदे हैं।

सारी सुविधाएं एक ही स्थान पर

एक सुपर एप अपने यूजर को सारी सुविधायें एक ही स्थान पर उपलब्ध करवाता है। यूजर्स को ये चिंता करने की जरुरत नहीं होती है कि अमुक कार्य के लिए कौनसा एप इनस्टॉल करना होगा। सिर्फ एक एप्लीकेशन इनस्टॉल करो और चिंता से मुक्ति पाओ।

अलग-अलग बहुत सारे एप रखने की जरुरत नही

अभी यूजर्स को हर कार्य से सम्बंधित एक अलग एप रखने की जरुरत होती है। फोन में 10 -15 एप आराम से इनस्टॉल रहती हैं। इतनी सारी एप की वजह से फोन की मेमोरी तो फुल होती ही है साथ ही साथ फ़ोन की परफॉरमेंस भी कमजोर होती जाती है। फोन स्लो हो जाना , स्क्रीन हैंग हो जाना , बैटरी जल्दी ख़त्म हो जाना आदि बहुत सारी समस्याएं हैं जो कि फोन में अधिक एप रखने से होती हैं। कभी कभी किसी एप के ख़राब या वायरस युक्त होने की वजह से स्मार्टफोन ख़राब भी हो सकता है।

बहुत सारे पासवर्ड याद रखने की जरुरत नहीं

अगर आप बहुत सारे एप यूज करते हैं तो हर एप में सुरक्षा के लिए एक पिन या पासवर्ड याद रखना पड़ता है। फाइनेंस से एप लॉगिन करने के बाद ही खुलते हैं। इसलिए हर एप का यूजरनेम और पासवर्ड याद रहना जरुरी है। सारी एप का एक ही यूजरनेम और पासवर्ड रखना भी खतरनाक है अतः अलग अलग रखने में ही भलाई है। अब इतने सारे यूजरनेम और पसवर्ड याद रखना भी एक बड़ी समस्या है। सुपर एप के उपयोग से इस समस्या से निजात मिल जाती है।

कई जगह “के वाय सी” करने की जरुरत नहीं

कोई भी फाइनेंसियल एप यूज करने के लिए KYC वेरिफिकेशन करना आवश्यक है। आप जितनी भी एप यूज करेंगे उतनी बार KYC वेरीफाई करना पड़ेगी , इसका रिकॉर्ड आपके सिबिल स्कोर में लिखा जाता है। ज्यादा बार KYC करने और अकाउंट खोलने से सिबिल स्कोर प्रभावित हो सकता है। सिबिल स्कोर प्रभावित होने से आपको लोन लेने और अन्य सुविधाओं का उपयोग करने में परेशानी आ सकती है। एक सुपर एप यूज करने से सिर्फ एक बार KYC की जरुरत होगी और आप ऊपर लिखी समस्याओं से दूर रहेंगे।

स्पेशल बेनिफिट

सुपर एप का यूज करने से आपको स्पेशल बेनिफिट जैसे कि विशेष छूट , बुकिंग में प्राथमिकता आदि मिल सकते हैं। किसी खास एप का उपयोग वालों को प्राइम मेंबर की सुविधा भी मिलती है। अब जबकि बहुत सी कम्पनिया अपनी अपनी सुपर एप लांच करेंगी तो निश्चय ही यूजर्स को लुभाने के लिए कई स्पेशल बेनिफिट अनाउंस किये जा सकते हैं। सोच समझकर निर्णय लें।

सुपर एप के नुकसान

हमने बचपन में पढ़ा था कि विज्ञान वरदान के साथ साथ अभिशाप भी है। कोई भी चीज़ जितनी ज्यादा फायदेमंद होती है उससे उतना ही ज्यादा नुकसान भी हो सकता है। सुपर एप भी अगर सावधानी न बरती जाए तो अत्यंत खतरनाक साबित हो सकती है। आइये जानते हैं सुपर एप से होने वाले संभावित खतरे :

वित्तीय नुकसान :

सुपर एप से होने वाला सबसे बड़ा संभावित खतरा आपके पैसों को हो सकता है। टेक्नोलॉजी के बढ़ने के साथ ऑनलाइन फ्रॉड या स्केम जैसे शब्द आजकल ज्यादा सुनने को मिलते हैं। एक सुपर एप के पास इसके यूजर का सारा वित्तीय डेटा मौजूद रहता है। ऐसे में अगर डेटा लीक या हैक जैसी घटना होती है तो यूजर को काफी ज्यादा वित्तीय नुक्सान हो सकता है।

व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा :

सुपर एप अपने उपयोगकर्ता के बारे में अधिकतम जानकारी स्टोर करता है। इसका मुख्य कारण यह है कि एक सुपर एप अपने यूजर को उसके जरुरत की सारी सुविधाएं प्रदान करता है। दुर्भाग्य से अगर ये सुपर एप किसी अवांछित तत्व के हाथ लग जाती है तो यूजर की सारी व्यक्तिगत जानकारी पब्लिक हो सकती है और इससे यूजर की निजता का हनन होने की सम्भावना है। यूजर की व्यक्तिगत जानकारी का उपयोग करके उसको ब्लेकमेल भी किया जा सकता है।

हैकिंग

सुपर एप के आने से हैकर्स का काम आसान हो जायेगा क्यूंकि अब उनको सिर्फ एक एप हैक करने की जरुरत होगी और सारा डेटा उनके हाथ में। सुपर एप के नाम से मिलते जुलते एप का उपयोग करके भी किसी के डेटा को हैक किया जा सकता है।

आइसोलेशन

एक यूजर जो सुपर एप पर पूरी तरह से निर्भर है ,उसके लिए सुपर एप एक दुःस्वप्न साबित हो सकता है। अगर दुर्भाग्य से कोई यूजर अपने सुपर एप का पासवर्ड भूल जाये या फिर उसका सुपर एप का अकाउंट ब्लॉक हो जाए तो तो वह काफी सारी सुविधाओं से वंचित हो सकता है।

सुपर एप का एक्सेस ब्लॉक होने से आप कोई वित्तीय लेनदेन नहीं कर पाएंगे क्यूंकि बैंक अकाउंट भी ब्लॉक हो जायेगा। किसी को संपर्क नहीं कर पाएंगे क्यूंकि फोन काल और सन्देश भेजने जैसी सुविधाएं बंद हो जाएँगी। यूजर पूरी दुनिया से लगभग आइसोलेट हो जाएगा।

पहचान खोने का खतरा

सुपर एप पर अतिनिर्भरता से व्यक्तिगत पहचान खोने की भी सम्भावना है। सुपर एप के अंदर एक यूजर का सारा डेटा होता है। अगर यह डेटा गलत हाथों पड़ तो अपने आप को सुपर एप का असली मालिक साबित करना काफी मुश्किल होगा। इस विषय पर हॉलीवुड में पहले ही काफी फिल्में बन चुकीं है जिनमे दिखाया गया है कैसे किसी इंसान की व्यक्तिगत जानकारी का उपयोग करके उसको मृत घोषित कर दिया जाता है और एक गलत व्यक्ति को उसकी जगह खड़ा कर दिया जाता है। उदाहरण के लिए साल 1995 में रिलीज हुई फिल्म “द नेट” , इसमें एक्ट्रेस सैंड्रा बुलक की पहचान चुरा ली जाती है।

डेटा लीक के उदाहरण

देश और विदेश पैमाने पर डेटा लीक की घटनाएं समय समय पर होती रहीं हैं। यहाँ पर कुछ प्रमुख डेटा लीक और हैकिंग के बारे में जानकारी दी जा रही है :

याहू डाटा लीक

साल 2013 में इंटरनेट की दुनिया में काफी बड़ा नाम रखने वाली कंपनी “याहू” का डेटा लीक होने की वजह से इसके लगभग 30 लाख यूजर्स की जानकारी हैकर्स के हाथों में चली गयी थी।
सोर्स: विकिपीडिया

आधार डेटा की चोरी

साल 2018 की शुरुआत में एक खबर आयी थी कि दुनिया के सबसे बड़े पहचान पत्र डाटाबेस आधार कार्ड का डेटा लीक हो गया है। इसमें लगभग दस करोड़ से अधिक भारतीय नागरिकों का नाम , पता , फोन नंबर , फिंगरप्रिंट और आँखों का रेटिना स्कैन की जानकारी थी। इसके साथ-साथ आधार कार्ड नंबर और उससे जुड़ा हुआ बैंक खाता नंबर भी सार्वजनिक हो गया था। इस डाटा के लीक होने का सोर्स थी इण्डेन गैस की वेबसाइट। इण्डेन गैस सिलिण्डर उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं की सारी जानकारी हैकर्स के हाथों में आ गई थी और इस डेटा टेलीग्राम और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म पर बेचा जा रहा था।

लिंकडइन

साल 2021 में लगभग 700 मिलियन लिंकडइन यूजर का डेटा जैसे कि नाम , फोन नंबर , नौकरी और व्यावसायिक अनुभव से संबधित जानकारी को हैकर्स ने सार्वजनिक कर दिया था।

फेसबुक

फेसबुक का डेटा भी चोरी हो चुका है। साल 2019 में 500 मिलियन से भी ज्यादा फेसबुक यूजर की सोशल जानकारी इंटरनेट पर सार्वजनिक हो गयी थी। इसके बाद फेसबुक ने अपने सिक्युरिटी सेटिंग में काफी बदलाव किये।

सुपर एप का आईडिया कहाँ से आया ?

सुपर एप शब्द का सर्वप्रथम यूज साल 2010 में हुआ। साल 2010 में चाइना में गूगल पर बेन लग जाने के कारण लोगों का रुझान मोबाइल एप की तरफ ज्यादा हुआ। उस समय चाइना में सर्वाधिक इंटरनेट और मोबाइल यूजर्स थे। इंटरनेट के कार्यों के लिए मोबाइल का इस्तेमाल अधिक होने की वजह से मोबाईल एप की बाढ़ सी आ गयी। इसी समय एक ऐसी एप अस्तित्व में आयी जिससे एक से ज्यादा कार्य सम्पन्न किये जा सकते थे। सोशल मिडिया के लिए वी चैट का इस्तेमाल सबसे अधिक हो रहा था।

वी चैट ने अपनी एप में डिजिटल वॉलेट को जोड़कर चीन के लोगों की एक बहुत बड़ी समस्या दूर कर दी थी। बाद में दुनिया अन्य देशों में भी सुपर एप की जरुरत महसूस हुई। दुनिया के कई देशों में अब सुपर एप का इस्तेमाल किया जा रहा है।

दुनिया का पहला सुपर एप

चाइना की “वी-चैट” को अभी तक पहला सुपर एप माना जाता है। वी-चैट ने पहली बार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ साथ फाइनेंसियल सर्विस के लिए डिजिटल वॉलेट की सुविधा प्रदान की थी। साल 2018 तक वी-चैट दुनिया में सर्वाधिक यूज किया जाने वाला सुपर एप था। उस समय इस एप के लगभग 80 करोड़ यूजर थे। वी-चैट ने बाद में इसमें ई कॉमर्स और ट्रैवेलिंग की सर्विस भी जोड़ दी थी। इस तरीके से यह दुनिया का सबसे पहला और बड़ा सुपर एप बन गया।

भारत में सुपर एप

भारत देश में आधिकारिक रूप से अभी कोई सुपर एप उपलब्ध नहीं है। लेकिन देश की दो बड़ी कम्पनियाँ टाटा और जिओ सुपर एप के निर्माण में काफी तेजी से कोशिश कर रहीं हैं। दोनों ही कंपनियों में सुपर एप को पहले रिलीज करने की होड़ लगी हुयी है। जनसँख्या के लिहाज से भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश है। जनसँख्या के साथ साथ मोबाईल यूजर्स भी दुनिया के किसी अन्य देश की तुलना में सर्वाधिक हैं। भारत में 100 करोड़ से अधिक मोबाईल फोन यूजर्स और लगभग 70 करोड़ स्मार्ट फोन के यूजर्स हैं।

इस हिसाब से सुपर एप के लिए भारत सबसे बड़ा बाजार है। जो भी कंपनी पहले सुपर एप रिलीज करेगी वो काफी हद तक बाजार पर कब्जा कर सकती है। टाटा का न्यू भारत का पहला सुपर एप बनने की ओर अग्रसर है।

टाटा न्यू : भारत का पहला सुपर एप

साल 2022 में टाटा कंपनी ने अपना पहला सुपर एप “टाटा न्यू” को बाजार में उतार दिया है। साल 2023 में इसको डिज़ाइन किया गया है। फिलहाल इसका बीटा वर्जन ही उपयोग के लिए उपलब्ध है।

वैसे बाजार में कई एप उपलब्ध हैं जो कि मल्टीपर्पज़ एप्लीकेशन हैं लेकिन इनको सुपर एप नहीं कहा जा सकता है। कुछ उदाहरण निचे दिए जा रहे हैं :

पेटीएम

पेटीएम अपने यूजर्स को काफी सुविधाएं एक ही जगह पर उपलब्ध करवाता है। पेटीएम शुरूआती दौर में सिर्फ एक फाइनेंसियल एप था जिसमे हम वॉलेट का यूज करके मोबाईल रीचार्ज और बिल पेमेंट जैसी बुनियादी सुविधाओं का लाभ उठाते थे।

यू पी आई के आने के बाद पैसों के लेनदेन का काम भी इस एप के द्वारा होने लगा। बाद में बैंकिंग की सुविधा, लोन , फ्लाइट टिकिट बुकिंग, मूवी टिकट बुकिंग जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हो गयीं।
पेटीएम को एक सुपर एप इसलिए नहीं माना जा सकता क्यूंकि अधिकतर सुविधाओं के लिए पेटीएम थर्ड पार्टी का यूज करती है। इसका मतलब सुविधा के उपयोग के लिए ये हमें किसी और एप पर भेज देता है।

फोन पे

फोन पे शुरूआती दौर में सिर्फ पैसों के ट्रांसफर के लिए बनाया गया गया था। बाद में इसमें अन्य सुविधाएं भी जोड़ दी गयीं जैसे की बिल पेमेंट , मोबाइल रिचार्ज ,फ्लाइट बुकिंग इत्यादि। फोन पे पहली एप है जिसने यू पी आई के द्वारा पैसों के लेनदेन को व्यापक तौर पर उपलब्ध करवाया। आज भी इसका उपयोग मनी ट्रांसफर में सर्वाधिक किया जाता है।

सुपर एप के ग्लोबल उदाहरण

दुनिया के कई देशों में अपनी अपनी सुपर एप का इस्तेमाल किया जाता है। कुछ प्रमुख सुपर एप का विवरण नीचे दिया जा रहा है :

अली पे

अली पे चाइना की ई कॉमर्स कंपनी अली बाबा द्वारा निर्मित सुपर एप है। अली बाबा कंपनी के मालिक चाइना के बिजनेसमैन जैक मा है।

गो जैक

यह इंडोनेशिया की मल्टीपर्पज सुपर एप है। इसका उपयोग साल 2010 में जकार्ता में एक डिजिटल पेमेंट और फाइनेंसियल एप के रूप में प्रारम्भ हुआ था। बाद में इसका बिजनेस कोरियर सर्विस और टू व्हीलर टैक्सी में भी जोड़ दिया गया। साल 2015 में इसके मोबाईल एप में चार वैरिएशन जोड़े गए जिनके नाम थे – गो राइड , गो सेंड ,गो शॉप और गो फूड। बाद में इसको साल 2021 में बीस से ज्यादा सेवाओं तक बढ़ा दिया गया है।

सुपर एप

ग्रैब

ग्रैब दक्षिण एशिया के देशों खासकर मलेशिया , सिंगापूर और फिलीपींस में उपयोग होने वाली सुपर एप है। ग्रैब साल 2012 में मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में माय टेक्सी के अस्तित्व में आयी। अगले साल इसने अपने बिजनेस का नाम ग्रैबटैक्सी कर दिया। साल 2014 में इसने अपने बिजनेस को सिंगापूर हेडक्वाटर में शिफ्ट किया और आधिकारिक तौर पर अपना नाम ग्रैब कर लिया। ग्रैब का मुख्य बिजनेस टैक्सी सर्विस के साथ साथ फ़ूड डिलीवरी और फाइनेंसियल सर्विस भी है।

सुपर एप कैसे काम करता है

यूजर्स के सुपर एप सिर्फ एक एप्लीकेशन है जिसके द्वारा वो बहुत सारे कार्य कर सकते हैं। लेकिन असलियत में ऐसा होता नहीं है , एक सुपर एप बहुत सारे छोटे छोटे एप्लिकेशन से बना हुआ होता है। इन एप्पलीकेशन को मिनी एप्स कहते हैं। जब यूजर किसी एक फंक्शन को यूज करता है तो उस फंक्शन से सम्बंधित मिनी एप सक्रिय हो जाता है और अपना कार्य करने लगता है। मिनी एप के कार्य करने के लिए जो जानकारी जरुरी होती है , वो जानकरी सुपर एप के यूजर सेंटर द्वारा उसको शेयर कर दी जाती है।

सुपर एप का उपयोग कैसे करें

सुपर एप का इस्तेमाल काफी आसान है , इसको ठीक उसी प्रकार से उपयोग किया जा सकता है जिस प्रकार से हम अन्य एप का इस्तेमाल करते हैं। सुपर एप यूज करने के आसान स्टेप्स :

सर्च

सबसे पहले अपनी सुपर एप को गूगल प्ले स्टोर या एप्पल स्टोर पर सर्च करें। ध्यान रखें कि की अनधिकृत लिंक या फिर APK फाइल से एप को इनस्टॉल न करें।

डाउनलोड & इंस्टाल :

अपनी सुपर एप को सर्च करने के बाद उसको डाउनलोड करें और इनस्टॉल करें।

ऐड परमिशन :

सुपर एप आपके फोन से कई प्रकार की परमिशन की मांग कर सकती है , जैसे कि लोकेशन , कांटेक्ट डिटेल्स , फाइल्स, गैलरी, कैमरा ,मैसेज , स्टोरेज इत्यादि।

इसको भी देखें : गूगल एआई बार्ड vs चैट जीपीटी

रजिस्टर :

आपको सुपर एप पर रजिस्टर करने की जरुरत पड़ेगी। इसका मतलब आपको एक यूजरनाम और मजबूत पासवर्ड बनाना होगा। बाद में आप जब भी इस एप का इस्तेमाल करेंगे तब इस पासवर्ड को एंटर करना पड़ेगा।

KYC :

सुपरएप फाइनेंसियल सेवाएं भी प्रदान करता है अतः आपको KYC अपडेट करना होगा। अपने आधार कार्ड का इस्तेमाल करके KYC अपडेट किया जा सकता है।

सुपर एप के उपयोग में क्या क्या सावधानियां रखें

एक सुपर एप आम यूजर के लिए जितना फयदेमंद और आकर्षक है , साइबर अपराधियों के लिए भी उतना ही ज्यादा आकर्षक है। सुपर एप के आने बाद अपराधियों को अलग अलग बहुत सारे एप हैक करने की जरुरत नहीं है। सिर्फ एक ही एप को हैक करने से हैकर्स को बहुत सारे यूजर्स की व्यक्तिगत चैट से लेकर बिजनेस सीक्रेट्स और फाइनेंसियल इन्फॉर्मेशन तक सारी जानकारी एक ही स्थान पर मिल सकती है। इसको रोकने के लिए सुपर एप प्रदाता कंपनी को अपनी डिजिटल सिक्योरिटी जितनी मजबूत रखने की जरूरत है , एक आम यूजर को भी उतनी ही अधिक अतिरिक्त सावधानी की जरुरत है।

सुपर एप

अपना पासवर्ड मजबूत रखें :

डिजिटल फ्रॉड से बचने का सबसे पहला तरीका है सावधानी और इस कर्म में पहला नंबर आता है पासवर्ड। अपने डिजिटल वॉलेट या एप का पासवर्ड मजबूत रखें। इसमें नंबर अल्फाबेट और स्पेशल करेक्टर अवश्य होना चाहिए। अपने पासवर्ड में केपिटल लेटर लेटर दोनों का प्रयोग करें। पासवर्ड कम से कम आठ से दस डिजिट का बनाएं।

पासवर्ड किसी से शेयर ना करें

अपना पासवर्ड किसी के साथ भी शेयर ना करें। अगर आप अपना पासवर्ड शेयर करते हैं तो इसका मतलब है कि आपने तिजोरी में ताला तो काफी मजबूत लगा दिया है लेकिन चाबी किसी और के हाथों में दे दी है।

पासवर्ड को समय समय पर बदलते रहे

अपने पासवर्ड को नियमित अंतराल पर बदलना जरुरी है। हर महीने में एक बार अपने सुपर एप का पासवर्ड अवश्य बदलें।

किसी अनजान लिंक पर क्लिक ना करें

किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचें। अक्सर हैकर और स्कैमर ऐसे मेसेज भेजते हैं जिनेम किसी ऑफर या छूट की जानकारी होती है और लिखा रहता है कि ऑफर का लाभ उठाने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें। लिंक पर क्लीक करते ही आपके फोन का कण्ट्रोल और डेटा हैकर के पास चला जाता है। इस प्रक्रिया को फिशिंग कहते हैं। फिशिंग से बचने के लिए अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचें।

अपना OTP किसी से शेयर ना करें

वन टाइम पासवर्ड OTP किसी भी फाइनेंसियल ट्रांजेक्शन के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। ध्यान रखें कि किसी भी हालत में अपना OTP किसी के साथ शेयर ना करें। कोई भी बैंक अधिकारी या कर्मचारी कभी भी आपसे आपका OTP नहीं मांगता है। अगर कोई आपसे OTP शेयर करने के लिए बोल रहा है तो अवश्य ही वो हैकर या स्कैमर होगा।

किसी के हाथ में फोन देते समय देख लें की आपका सुपर एप बंद है

अगर किसी स्थिति में आप अपना फोन किसी अन्य व्यक्ति के हाथ में दे रहे हैं ध्यान रखें क़ि आपका सुपर एप लॉक है। इस स्थिति में अगर अन्य व्यक्ति सुपर एप खोलने का प्रयास करेंगे तो वो पासवर्ड मांगेगा।

सुपर एप के बारे में अन्य महत्वपूर्ण तथ्य :

भारत का पहला सुपर एप कौनसा है?

टाटा न्यू

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