भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा चंद्रयान-3 चंद्रमा पर प्रक्षेपण के लिए तीसरा चंद्र मिशन तैयार किया गया है। चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण अंतरिक्ष केंद्र शार, श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई, 2023 शुक्रवार को भारतीय समय दोपहर 2:35 बजे किया गया था। इस लेख में हम चंद्रयान 3 से जुड़ी सभी ताजा, अपडेटेड जानकारी (Live updated information)साझा करेंगे ।
23 अगस्त 2023 को शाम ६ बजकर मिनिट पर विक्रम लेंडर सफलता पूर्वक चाँद सतह पर पहुँच गया।
भारतीय चाँद मिशन
मिशन का नाम | साल | प्रकार | परिणाम | उपलब्धि |
चंद्रयान -1 | 2008 | इम्पेक्टर | सफल | चाँद की सतह पर पानी की खोज |
चंद्रयान -2 | 2019 | ऑर्बिटर/लेंडर/रॉवर | आंशिक सफल | ऑर्बिटर को चाँद की कक्षा में स्थापित किया गया। |
चंद्रयान -3 | 2023 | लेंडर/रॉवर | सफल | दक्षिणी ध्रुव पर अंतरिक्ष यान की सफल लेंडिंग |
इस लेख में आप पढ़ेंगे
चंद्रयान-3 क्या है?
चंद्रयान-3 इसरो का तीसरा और अत्यंत महत्वपूर्ण चंद्र मिशन है। एक मानव रहित अंतरिक्ष यान के द्वारा इसरो का चाँद पर विक्रम लेंडर को उतारने और रोवर प्रज्ञान को चाँद पर चलाकर डेटा एकत्र करने का लक्ष्य है। इसरो की योजना के अनुसार चंद्रयान ३ को १४ जुलाई २०२३ को लांच किया गया और ये २३ अगस्त २०२३ को चाँद पर लेंड कर चुका है।
भारत के चंद्र मिशन का इतिहास
चंद्रयान ३ इसरो का पहला चंद्र मिशन नहीं है। इसरो के चंद्र मिशन की शुरुआत इससे काफी पहले साल २००८ में चंद्रयान १ के साथ शुरू हुयी थी। चलिए अब जानते हैं भारत के पहले के चंद्र मिशन के बारे में कुछ संक्षिप्त जानकारी :
मिशन का नाम | चन्द्रयान/ चंद्रयान प्रथम |
मिशन का प्रकार | चंद्र ऑर्बिटर |
उद्देश्य | चन्द्रमा की कक्षा में उपग्रह स्थापित करना। वैज्ञानिक उपकरण मून इम्पेक्ट प्रोब को चाँद पर उतारना। चाँद की सतह का अध्ययन करना। |
लॉन्चिंग की तारीख | २२ अक्टूबर, २००८ |
लॉन्चिंग के लिए कोनसा राकेट इस्तेमाल किया गया | PSLV Modified |
अंतरिक्ष केंद्र | सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र |
कक्षा बढ़ाने के लिए प्रथम ईंधन बूस्ट | 23-Oct-08 |
कक्षा बढ़ाने के लिए 2nd ईंधन बूस्ट | 25-Oct-08 |
कक्षा बढ़ाने के लिए 3rd ईंधन बूस्ट | 27-Oct-08 |
कक्षा बढ़ाने के लिए 4th ईंधन बूस्ट | 29-Oct-08 |
चंद्रयान प्रथम चन्द्रमा की कक्षा में स्थापित हुआ | 08-Nov-08 |
वैज्ञानिक उपकरण मून इम्पेक्ट प्रोब को चाँद की सतह पर उतारा गया | 14-Nov-08 |
चंद्रयान-1 का नियंत्रण कक्ष से संपर्क टूट गया। | 29-Aug-09 |
चंद्रयान-1 मिशन की समाप्ति की आधिकारिक घोषणा | 30-Aug-09 |
मिशन का अंतिम परिणाम | सफल |
मुख्य उपलब्धि | चाँद की सतह पर पानी की पुष्टि हुयी। MIB प्रोब को चाँद की सतह पर उतारा गया जिससे भारत का तिरंगा चाँद पर स्थापित हो गया। चाँद पर झंडा फहराने वाले देशो की लिस्ट में भारत का नाम शामिल हुआ। चाँद की कक्षा में भारतीय उपग्रह स्थापित किया गया। |
चंद्रयान प्रथम की सफलता के बाद इसरो द्वारा चाँद पर मानव रहित विमान भेजने का रास्ता साफ़ हो गया था।
इससे उत्साहित होकर इसरो ने अपने दूसरे चाँद मिशन चंद्रयान २ पर काम करना शुरू कर दिया।
चलिए देखते हैं चंद्रयान २ मिशन के बारे में संक्षिप्त जानकारी :
चंद्रयान २ को इसरो द्वारा दिनांक २२ जुलाई २०१९ को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के लांच किया गया। इस मिशन में एक चंद्र ऑर्बिटर , एक लेंडर और एक रोवर था। लेंडर का नाम विक्रम , इसरो के पूर्व वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया था। प्रज्ञान नाम का रोवर विक्रम लेंडर के अंदर रखा गया। विक्रम के चाँद पर उतरने के बाद प्रज्ञान , बाहर निकलेगा सतह पर पहियों सहारे चलेगा और डेटा एकत्र करेगा। प्रज्ञान अपने डेटा को विक्रम के साथ साझा करेगा, विक्रम इसको ऑर्बिटर के पास भेजेगा। ऑर्बिटर इस डेटा को अंतरिक्ष में स्थित भारतीय अंतरिक्ष प्रयोगशाला में भेजेगा।
दुर्भाग्यवश ६ सितम्बर २०१९ के दिन विक्रम लेंडर के चाँद पर उतरने के दौरान अंतरिक्ष केंद्र से संपर्क टूट गया। विक्रम उस समय चाँद की सतह से महज लगभग २ किलोमीटर दूर ही था। बाद में ऑर्बिटर के माध्यम से विक्रम की चाँद की सतह पर होने की पुष्टि तो की गयी लेकिन संपर्क दुबारा स्थापित नहीं हो सका। इसरो के वैज्ञानिकों के साथ साथ करोडो देश वासियों की उम्मीदों को काफी बड़ा झटका लगा।
अगर चंद्रयान २ मिशन सफल हुआ होता तो शायद चंद्रयान ३ मिशन में मानव सहित अंतरिक्ष यान को चाँद पर भेजा जा सकता था।
विश्व के चंद्रमा मिशन का इतिहास
पृथ्वी के प्राकृतिक उपग्रह चाँद का अध्ययन करने के लिए कई अंतरिक्ष मिशन किए गए हैं। चाँद पर पहला मिशन सोवियत यूनियन के द्वारा शुरू किया था. 1958 मे सोवियत संघ का अंतरिक्ष यान LUNA पहला चंद्र मिशन था, लेकिन लांचिंग के दौरान ही ये असफल हो गया था। 1959 में दूसरा चंद्र मिशन LUNA -1 था , लेकिन गलत केलकुलेशन की वजह से ये चाँद के आगे निकल गया और असफल हो गया। अक्टूबर 1959 में LUNA -3 प्रथम चाँद मिशन था जिसने पहली बार चाँद की फोटो पृथ्वी तक भेजी।
विश्व के अब तक के सफल चाँद मिशन की जानकारी नीचे दी जा रही है।
(List of world’s all successfull moon missions till now)
मिशन का नाम | देश | साल | प्रकार | उपलब्धि | परिणाम |
LUNA-2 | USSR | 1959 | Impactor | चन्द्रमा की धरती पर पहला संपर्क | सफल |
LUNA-3 | USSR | 1959 | Flyby | अंतरिक्ष यान द्वारा भेजी गई चंद्रमा की पहली तस्वीर | सफल |
RANGER 7 | USA | 1964 | Impactor | सफल | |
RANGER 8 | USA | 1965 | Impactor | सफल | |
RANGER 9 | USA | 1965 | Impactor | सफल | |
ZOND 3 | USSR | 1965 | Flyby | सफल | |
LUNA-9 | USSR | 1966 | Lander | चंद्रमा की सतह पर उतरा प्रथम अंतरिक्ष यान | सफल |
LUNA 10 | USSR | 1966 | Orbitor | सफल | |
SURVEYAR-1 | USA | 1966 | Lander | सफल | |
LUNA-12 | USSR | 1966 | Orbitor | सफल | |
ORBITOR 2 | USA | 1966 | Orbitor | सफल | |
LUNA-13 | USSR | 1966 | Lander | सफल | |
ORBITOR 3 | USA | 1967 | Orbitor | सफल | |
SUVEYAR 3 | USA | 1967 | Lander | सफल | |
ORBITOR 4 | USA | 1967 | Orbitor | सफल | |
EXPLORER 35 | USA | 1967 | Orbitor | सफल | |
ORBITOR 5 | USA | 1967 | Orbitor | सफल | |
SUVEYAR 5 | USA | 1967 | Lander | सफल | |
SUVEYAR 6 | USA | 1967 | Lander | सफल | |
SUVEYAR 7 | USA | 1968 | Lander | सफल | |
LUN1-14 | USSR | 1968 | Orbitor | सफल | |
ZOND-5 | USSR | 1968 | Flyby Circled | सफल | |
Apollo-08 | USA | 1968 | Manned Orbitor | सफल | |
Apollo-10 | USA | Manned Orbitor | सफल | ||
Apollo-11 | USA | 1969 | Manned Orbitor/Lander | चन्द्रमा की धरती पर पहला कदम | सफल |
ZOND-7 | USSR | 1969 | Flyby | सफल | |
Apollo-12 | USA | 1969 | Manned Orbitor/Lander | सफल | |
LUNA-16 | USSR | Sample Return | सफल | ||
ZOND-8 | USSR | Flyby | सफल | ||
LUNA-17 | USSR | Lander/Rover | सफल | ||
Apollo-14 | USA | 1971 | Manned Orbitor/Lander | सफल | |
Apollo-15 | USA | 1971 | Manned Orbitor/Lander/Rover | सफल | |
PFS-1 | USA | Orbitor | सफल | ||
LUNA-19 | USSR | Orbitor | सफल | ||
LUNA-20 | USSR | Sample Return | सफल | ||
Apollo-16 | USA | 1972 | Manned Orbitor/Lander/Rover | सफल | |
PFS-2 | USA | Orbitor | सफल | ||
Apollo-17 | USA | 1972 | Manned Orbitor/Lander/Rover | सफल | |
LUNA-21 | USSR | Lander/Rover | सफल | ||
EXPLORER 49 | USA | Orbitor | सफल | ||
MARINER 10 | USA | Flyby | सफल | ||
LUNA-22 | USSR | Orbitor | सफल | ||
LUNA-24 | USSR | Sample Return | सफल | ||
HITEN | JAPAN | Flyby/Orbitor | सफल | ||
CLEMENTINE | USA | Orbitor | सफल | ||
MOON SURVEYAR | USA | Orbitor | सफल | ||
SMART-1 | EUROPE | Orbitor | सफल | ||
KAGUA | JAPAN | Orbitor | सफल | ||
OKINA | JAPAN | Orbitor | सफल | ||
ONA | JAPAN | Orbitor | सफल | ||
CHANG E 1 | CHINA | 2007 | Orbitor | सफल | |
CHANDRYAN-1 | INDIA | 2008 | Orbitor | सफल | |
MOON IMPACT PROBE | INDIA | 2008 | Impactor | सफल | |
LCROSS | USA | Impactor | सफल | ||
CHANG E 2 | CHINA | 2010 | Orbitor | सफल | |
EBB | USA | Orbitor | सफल | ||
FLOW | USA | Orbitor | सफल | ||
MOON ATMOSHPERE explorer | USA | Orbitor | सफल | ||
4AM | Luxembourg | 2022 | Flyby | सफल |
चंद्रयान-3 मिशन के उद्देश्य
चंद्रयान-3 मिशन के लिए तीन मुख्य उद्देश्य हैं:
1- लैंडर की चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग कराना।
2- चंद्रमा पर रोवर की विचरण क्षमताओं का अवलोकन और प्रदर्शन।
3- चंद्रमा की संरचना को बेहतर ढंग से समझने और उसके विज्ञान को अभ्यास में लाने के लिए चंद्रमा की सतह पर उपलब्ध रासायनिक और प्राकृतिक तत्वों, मिट्टी, पानी आदि पर वैज्ञानिक प्रयोग करना।
चंद्रयान 3 का विवरण
चंद्रयान-3 प्रोपल्शन मॉड्यूल
चंद्रयान 3 प्रोपल्शन मॉड्यूल, जिसका उपयोग रिले उपग्रह के रूप में किया जाएगा
इसका प्रोपल्शन मॉड्यूल, संचार रिले उपग्रह की तरह व्यवहार करेगा। प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर युक्त ढांचे को तब तक अंतरिक्ष में धकेलता रहेगा जब तक कि अंतरिक्ष यान 100 किमी ऊंचाई वाली चंद्र कक्षा में न पहुँच जाए। प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर के अलावा, चंद्र कक्षा से पृथ्वी के वर्णक्रमीय (स्पेक्ट्रल) और पोलारिमेट्रिक माप का अध्ययन करने के लिए SHAPE (Spectro-polarimetry of Habitable Planet qEarth) नामक एक पेलोड भी ले जा रहा है।
चंद्रयान-3 का लैंडर
चंद्रयान-2 के विक्रम के विपरीत, जिसमें पांच 800 न्यूटन इंजन थे और पांचवां एक निश्चित थ्रस्ट के साथ केंद्रीय रूप से लगाया गया था। चंद्रयान-3 के लैंडर में केवल चार थ्रॉटल-सक्षम इंजन होंगे, इसके अतिरिक्त, चंद्रयान-3 लैंडर लेजर डॉपलर वेलोसीमीटर (एलडीवी) से लैस होगा।चंद्रयान-2 की तुलना में इम्पैक्ट लेग्स को मजबूत बनाया गया है और उपकरण की खराबी का सामना करने के लिए एक से अधिक उपाय किए गए हैं।
लैंडर पर तापीय चालकता और तापमान को मापने के लिए Chandra’s Surface Thermophysical Experiment (ChaSTE, चेस्ट), लैंडिंग साइट के आसपास भूकंपीयता को मापने के लिए Instrument for Lunar Seismic Activity (ILSA) व प्लाज्मा घनत्व और इसकी विविधताओं का अनुमान लगाने के लिए Langmuir Probe (LP) नामक भारतीय पेलोड शामिल हैं। इसके अतिरिक्त नासा से एक निष्क्रिय लेजर रिट्रोरिफ्लेक्टर ऐरे को चंद्र लेजर रेंजिंग अध्ययनों के लिए इसमें समायोजित किया गया है।
चंद्रयान-3 रोवर
चंद्रयान-3 का रोवर
प्रज्ञान रोवर लैंडिंग साइट के आसपास तत्व संरचना का पता लगाने के लिए अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (APXS) और लेजर प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (LIBS) नामक पेलोड से युक्त है
महत्वपूर्ण तिथियाँ
July 06, 2023.
लॉन्चिंग की तारीख, समय और स्थान तय हो गया।
July 07, 2023
चंद्रयान ले जाने वाला वाहन का विद्युत परीक्षण पूर्ण। नागरिकों को पंजीकरण करके SDSC-SHAR, श्रीहरिकोटा में लॉन्च व्यू गैलरी से लॉन्च देखने के लिए आमंत्रित किया गया।
July 11, 2023
संपूर्ण लॉन्च तैयारी और 24 घंटे तक चलने वाली प्रक्रिया का अनुकरण करने वाला ‘लॉन्च रिहर्सल’ संपन्न किया गया।
July 14, 2023
LVM3 M4 वाहन ने चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक कक्षा में प्रक्षेपित किया। चंद्रयान-3 ने अपनी सटीक कक्षा में चंद्रमा की यात्रा शुरू किया गया।
July 15, 2023
चंद्रयान 3 की कक्षा पहली बार बढ़ाई गई।
July 17, 2023
चंद्रयान 3 की कक्षा दूसरी बार बढ़ाई गई।
July 22, 2023
चंद्रयान 3 की कक्षा फिर बढ़ाई गई।
July 25, 2023
चंद्रयान 3 की कक्षा फिर बढ़ाई गई। अगले बूस्ट की योजना 1 अगस्त को बनाई गई ।
August 01, 2023
चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश के लिए विमान को चंद्रमा की ओर भेजा गया।
August 05, 2023
चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में स्थापित हो गया।
August 06, 2023
एलबीएन#2 सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। अब चंद्रयान चंद्रमा की कक्षा में घूम रहा है।
August 09, 2023
चंद्रयान-3 को चंद्रमा के करीब ले जाने के लिए इसकी कक्षा कम कर दी गई है।
August 14, 2023
मिशन कक्षा वृत्ताकारीकरण चरण में है। अंतरिक्ष यान 151 किमी x 179 किमी कक्षा में है।
August 16, 2023
16 अगस्त, 2023 को De-Boost के बाद अंतरिक्ष यान 153 किमी x 163 किमी की कक्षा में है।
August 17, 2023
लैंडर मॉड्यूल को प्रोपल्शन मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग कर दिया गया है।
August 19, 2023
लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा के चारों ओर 113 किमी x 157 किमी की कक्षा में है।
August 20, 2023
विक्रम लेंडर का चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर के साथ सफलता पूर्वक संपर्क स्थापित हुआ।
August 21, 2023
ISRO ने पत्रकार वार्ता में आधिकारिक रूप से बताया कि रूस के अंतरिक्ष यान LUNA 25 के क्रैश होने से चंद्रयान पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।यह भी बताया कि अगर किसी कारणवश 23 अगस्त को विक्रम लेंडर के उतरने कोई परेशानी होती है तो उसको 27 अगस्त को उतारा जायेगा।
23 अगस्त 2023
23 अगस्त 2023 को शाम ६ बजकर मिनिट पर विक्रम लेंडर सफलता पूर्वक चाँद सतह पर पहुँच गया।
चंद्रयान ३ की चंद्रयान २ से मुलाकात
21 अगस्त २०२३ के दिन चंद्रयान ३ की चंद्रयान २ से मुलाकात हुयी और दोनों तरफ से संदेशों का आदान प्रदान हुआ। वर्तमान में चंद्रयान 2 मिशन का ऑर्बिटर अभी भी चन्द्रमा की कक्षा में परिक्रमा कर रहा है। चंद्रयान 3 से मिले सन्देश के जवाब में चंद्रयान 2 ने सन्देश भेजा – “स्वागत है दोस्त !” ( Wellcome Buddy ).चंद्रयान 2 का लेन्डर चन्द्रमा पर उतरते समय संपर्क से बाहर हो गया था तबसे लेंडर से कोई संपर्क नहीं हो सका है। चंद्रयान 3 में ऑर्बिटर नहीं है , सिर्फ लेंडर “विक्रम” है और उसी के अंदर रोवर “प्रज्ञान” भी है।
चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इसरो के प्लान क्या हैं ?
चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इसरो इन प्रोजेक्ट पर काम शुरू करेगा :
1- मिशन-आदित्य: सूर्य के अध्ययन के लिए अंतरिक्ष यान भेजना।
2- चन्द्रमा के लिए मानव सहित अंतरिक्ष यान
3- शुक्र गृह के अध्ययन के लिए अंतरिक्ष यान भेजना
देश के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक अवसर पर इसरो के सभी वैज्ञानिको और देश वासियों को बधाई दी।
FAQ
चंद्रयान 3 क्या है?
चंद्रयान 3 कब लॉन्च किया गया?
चंद्रयान 3 किसने लॉन्च किया?
चंद्रयान 3 में क्या अलग है?
चंद्रयान 3 चंद्रमा पर कब पहुंचेगा?
चंद्रयान-3 में कितने मॉड्यूल हैं?
चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल का नाम क्या है?
चंद्रयान-3 के रोवर मॉड्यूल का नाम क्या है?
क्या चंद्रयान-3 एक उपग्रह है?
रोवर प्रज्ञान कहां है?
चंद्रयान-3 का कुल वजन कितना है?
लैंडर मॉड्यूल : 26 किग्रा के रोवर सहित 1752 किग्रा
कुल: 3900 किलोग्राम
चंद्रयान-3 को किस लॉन्चिंग स्टेशन से लॉन्च किया गया है?
चंद्रयान-3 को किस वाहन से लॉन्च किया गया है?
चंद्रयान ३ में दुनिया के बाकी चंद्र मिशन से क्या अलग है ?
चाँद की सतह की जानकारी पृथ्वी तक कैसे पहुंचेगी ?
प्रज्ञान रोवर कितने दिन तक काम करेगा ?
प्रज्ञान रोवर 14 दिन के बाद काम क्यों नहीं करेगा ?
14 दिन के बाद चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर रात हो जायेगी जो अगले 14 दिनों तक चलेगी। रात के समय चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर तापमान शुन्य से काफी नीचे चला जाता है. इस दौरान प्रज्ञान रोवर का सोलर पैनल चार्ज नहीं हो पायेगा। और ये काम करना बंद कर देगा।
चाँद की सतह पर अब तक कितने देशों के अंतरिक्ष यान उतर चुके हैं ?
अब तक सिर्फ इन तीन देशों के अंतरिक्ष यान चाँद की सतह पर उतर सके थे : रूस , अमेरिका और चीन। भारत चाँद पर लेंडर उतारने वाला चौथा देश बन गया है।
कौनसा देश चाँद पर मानव सहित अंतरिक्ष यान उतारने में सफल हुआ है ?
अभी तक सिर्फ संयुक्त राष्ट्र अमेरिका अपने अपोलो मिशन के द्वारा चाँद पर मानव सहित अंतरिक्ष यान उतारने में सफल हुआ है ?
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