क्रिकेट को जेंटलमेन गेम कहा जाता है। लेकिन कभी कभी इसमें ऐसे भी वाकये हो जाते हैं जो यादगार बन जाते हैं ,कभी अच्छी वजहों से और कभी बुरी यादों की वजह से। श्रीलंका और बांग्लादेश के मैच के बीच में एक ऐसा ही वाकया हुआ जो क्रिकेट के इतिहास में हमेशा याद रखा जायेगा। इस मैच पे पहली बार ऐसा हुआ जब कोई बल्लेबाज क्रीज पर पहुँचने से पहले ही आउट हो गया।श्रीलंका के अनुभवी ऑलराउंडर बल्लेबाज एंजेलो मैथ्यूज को बिना खेले ही पेवेलियन लौटना पड़ा। इस वजह से वो काफी निराश भी हुए और उन्होंने अपना हेलमेट फेंक दिया। पूरे मीडिया में यह चर्चा का मुख्य विषय बन गया।
इसके बाद पूरे मैच के दौरान दोनों टीमों में गरमा गर्मी कायम रही और हो सकता है ये काफी आगे तक भी जाए। दूसरी पारी के दौरान शाकिब का विकेट मैथ्यूज ने ही लिया और उनको रिस्ट वाच की तरफ इशारा करते हुए बताया कि अब तुम्हारा भी समय ख़तम हो गया है। दोनों टीमों के खिलाड़ी आपस में भिड़ते हुए भी नजर आये जब ड्रिंक्स ब्रेक के दौरान बांग्लादेश के बल्लेबाज काफी समय ले रहे थे। मैच ख़तम होने के बाद दोनों टीमों के खिलाडियों ने सामान्य शिष्टाचार भूलकर आपस में हाथ भी नहीं मिलाया।
क्या है पूरा मामला
विश्व कप 2023 का 38 वां मैच। बांग्लादेश बनाम श्रीलंका। बांग्लादेश ने पहले टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का निश्चय किया। श्रीलंका ने औसत शुरुआत की। 25 वें ओवर की दूसरी गेंद पर शाकिब अल हसन ने श्रीलंकाई बल्लेबाज सदीरा समरविक्रमा को महमुदुल्लाह के हाथों कैच करवा दिया। उस समय श्रीलंका का स्कोर चार विकेट पर 135 रन था। खेलने के लिए आये श्रीलंका के अनुभवी आलराउंडर बल्लेबाज एंजेलो मैथ्यूज , क्रीज पर पहुंचे , अम्पायर से गार्ड लेने के लिए नीचे झुके ,अपने हेलमेट को टाइट किया, और उनके हेलमेट का स्ट्रेप टूट गया !!!!! उन्होंने पेवेलियन की ओर नए हेलमेट के लिए इशारा किया।
तभी बंगलादेश के कप्तान शाकिब अल हसन ने अम्पायर से टाइम्ड आउट की अपील कर दी। अम्पायर ने शाकिब से पूछा – आर यू सीरियस ? शाकिब ने कहा – यस !! और एंजेलो मैथ्यूज को आउट करार दे दिया गया।
आई सी सी के नियम के अनुसार किसी खिलाडी के आउट होने के बाद नए बल्लेबाज को दो मिनिट के अंदर खेलने के लिए तैयार होना है। अगर कोई नया बल्लेबाज दो मिनिट के अंदर क्रीज पर आकर गेंद खेलने के लिए तैयार नहीं हो पाता तो उसे आउट माना जायेगा। |
एंजेलो मैथ्यूज भी इस घटना से आश्चर्यचकित रह गए। उन्होंने एम्पायर को बताया कि वो तो खेलने के लिए तैयार हो गए थे, नियम के अनुसार दो मिनिट के अंदर क्रीज पर पहुंचकर रेडी होना होता है और वो रेडी थे लेकिन हेलमेट का स्ट्रेप टूटने की वजह से देर हुई। अम्पायर ने बताया अगर बांग्लादेश के कप्तान चाहें तो उनको खेलने का मौका मिल सकता है। मैथ्यूज ने इस बारे में शाकिब से बात की और अपने टूटे हुए हेलमेट को भी दिखाया लेकिन शाकिब ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि आउट इज आउट ,रूल इज रूल। इस वजह से मैथ्यूज को निराश होकर मैदान से वापिस लौटना पड़ा।
क्रिकेट के इतिहास में ऐसा पहिल बार हुआ है जब किसी को इस तरीके से आउट दिया गया हो इस वजह से यह घटना इतिहास के पन्नों में दर्ज़ हो गयी। कई बड़े क्रिकेटरों ने इस बता पर शाकिब की आलोचना की , खुद कमेंटेटर ने भी इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। आगे भी इस घटना पर बहुत चर्चाएं होने की पूरी संभावना हैं। इसके साथ ही एक गेंद पर खिलाड़ी आउट होने का रिकॉर्ड भी बन गया।
खेल भावना के जुड़े पुराने विवाद
क्रिकेट से जुड़ा हुआ ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई बार ऐसे विवादस्पद वाकये सामने आते रहे हैं , कई बार खिलाडियों ने स्वयं ही खेल भावना का प्रदर्शन करते हुए ऐसे किसी विवाद को रोककर एक शानदार उदाहरण भी प्रस्तुत किया है। कुछ ऐसे ही वाकये नीचे दिए जा रहे हैं :
- मॉकडिंग : माकडिंग से जुड़े हुए कई फैसले विवादों में रहे हैं। सबसे बड़ा विवाद साल 2022 में भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही महिला क्रिकेट द्विपक्षीय सीरीज के मैच में भारतीय गेंदबाज दीप्ति शर्मा ने इंग्लिश बल्लेबाज चार्ली डीन को नॉन स्ट्राइक एन्ड पर आउट कर दिया। डीन गेंद फेंके जाने से पहले ही क्रीज से बाहर निकल गयी थी। उस समय भी मीडिया में इस फैसले की काफी आलोचना हुयी थी। खेल के नियमों के हिसाब से यह सही फैसला था, लेकिन खेल भावना के हिसाब से इसको काफी लोग सही नहीं मानते।
- मॉकडिंग से जुड़े हुए कुछ अच्छे अनुभव हैं जहाँ पर खिलाडियों ने खेल भावना को नियमों से ऊपर रखा है। बांग्लादेश इंग्लैंड की तीन एकदिवसीय मैचों के सीरीज के दौरान एक मैच में नूजीलैण्ड के बल्लेबाज ईश सोढ़ी को बांग्लादेश के गेंदबाज हसन महमूद ने मांकड़ विसधि से आउट कर दिया। जब सोढ़ी पवेलियन की तरफ सजाने लगे तब बांग्लादेश के कप्तान लिट्टन दास ने पॉजिटिव खेल भावना का प्रदर्शन करते हुए उनको वापिस बुला लिया और इस तरीके से ईश सोढ़ी को फिर से खेलने का मौका मिल गया।
- नेपाल और आयरलैंड के मैच के दौरान आयरलैंड बल्लेबाज एक रन लेने के दौरान नेपाल के गेंदबाज से टकराकर मैदान पर गिर गए। इसी बीच नेपाल के गेंदबाज ने गेंद उठाकर विकेटकीपर को दे दी। विकेटकीपर के पास बल्लेबाज को आउट करने का आसान मौका था लेकिन उन्होंने उसको आउट नहीं किया क्यूंकि वह मैदान पर गिरने की वजह से लेट हो गया था। अगर नार्मल तरीके से दौड़ने में लेट हो जाता तो उसको आउट करने में कोई परेशानी नहीं थी। नेपाल टीम की इस खेल भावना की सभी ने काफी तारीफ़ की थी।
क्या है एक्सपर्ट की राय
इस फैसले के तुरंत बाद पूरी दुनिया से प्रतिक्रियाएं आने लगी।कई प्रमुख पुराने दिग्गज क्रिकेटरों ने इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
आम जनता के विचार
आम जनता भी इस फैसले के पक्ष में नहीं थी। सभी ने बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन की आलोचना की। फेसबुक, ट्विटर समेत सारा सोशल मीडिया शाकिब की आलोचना से भरा गया , ऐसे यूजर ढूंढ़ने से भी नहीं मिले जिन्होंने शाकिब का पक्ष लिया हो। क्यूंकि शाकिब का फैसला खेल भावना के विरुद्ध था।
टाइम्ड आउट का नियम इसलिए बनाया गया है कि कोई बल्लेबाज जानबूझकर क्रीज पर आने में ज्यादा समय न लगाए , लेकिन एंजेलो मैथ्यूज समय से पहले क्रीज पर आ गए थे। टूटे हुए हेलमेट के साथ खेलना असुरक्षित साबित हो सकता था और ये प्रोटोकाल के सही नहीं था अतः उन्होंने हेलमेट बदलने के लिए बबोला। लगभग सभी खेल प्रेमियों की सहानुभूति एंजेलो मैथ्यूज के साथ है।
1 Comment