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इतिहास रच दिया आर प्रगनानन्द ने। बने शतरंज विश्व कप उपविजेता। (Won Heart in a tough 3 day match)

भारत के 18 वर्षीय शतरंज ग्रांडमास्टर आर प्रगनानन्द (रमेशबाबू प्रगनानन्द) ने शतरंज विश्व कप के फाइनल मुकाबले में काफी संघर्ष किया। तीन दिन तक चले जोरदार मुकाबले में शतरंज में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी और लगातार चार बार के विश्व चैम्पियन मेग्नस कार्लसन को नानी याद आ गयी।

अजरबेजान के बोको शहर में चल रहे शतरंज विश्वकप फाइनल में नार्वे के मेग्नस कार्लसन और भारत के प्रगनानन्द के बीच जोरदार मुकाबला हुआ। पहले दो दिन का खेल बराबरी पर रहने की वजह से मुकाबला तीसरे दिन टाई ब्रेकर में पहुँच गया था।

तीसरे दिन प्रगनानन्द किस्मत ने साथ नहीं दिया और टाई ब्रेकर का पहला राउंड कार्लसन ने जीतकर 1 -0 बढ़त बना ली थी। दूसरे राउंड के ड्रा होते ही कार्लसन ने ये मैच जीत लिया और प्रगनानन्द विश्व चैम्पियन बनने से सिर्फ आधे पॉइंट से चूक गए।

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आर प्रगनानन्द की ऐतिहासिक जीत

प्रगनानन्द और कार्लसन के बीच पहले भी मैच हो चुके है। 23 फरबरी 2022 को हुए एक ऐतिहासिक मुकाबले में कार्लसन को हरा दिया था।

आर प्रगनानन्द ने फाइनल में पहुँचने लिए बड़े बड़े खिलाडियों को मात दी है। प्रगनानन्द ने दुनिया के नंबर -२ खिलाडी और दुनिया नंबर -३ खिलाड़ी क़ो आराम से मात दे दी थी।

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